क्या मुस्लिम का अलग अलग ज्यादा जातियां होने के कारण ३५ करूर और जाने
क्या मुस्लिम समझ जाति नियम मान ना चाहिए। यह इस्लाम मै नहीं है। जाति को बढ़ावा देना मना है।
जैसे जाति सिया,सुन्नी,देवबंदी, बारेलीव,हनफी,ज़मती इस्लाम,जमती मरकज,आदि है।
आप सभी को एक होकर जाति पर्ता को हटाना होगा । इस्लाम मै भेदभाव करना मना है और गुनाह भी।
अल्लाह की नजर मै सब एक है। चाहे वो इंसान या जानवर या कोई और जीव है
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